National Rural Infrastructure Development Agency

G20 India 2023 National Flag Beti Bachao Beti Padhao
Guidelines on performance evaluation of NQMs

एनक्यूएम के प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए दिशानिर्देश

राष्ट्रीय गुणवत्ता मॉनिटर्स के प्रदर्शन मूल्यांकन के लिए दिशानिर्देश (जून 2009 से प्रभावी)

पृष्ठभूमि

राष्ट्रीयगुणवत्तामॉनीटर (एनक्यूएम) एक वरिष्ठ पेशेवरहोता है, उसेपेशेवर मार्गदर्शक माना जाता है। यह उम्मीद की जाती है कि एनक्यूएम को कमियों को स्पष्ट रूप से सामने लाना चाहिए, लेकिन उसे केवल छिद्रान्वेषी भी नहीं होना चाहिए। तदनुसार, गुणवत्ता तंत्र के तीसरे स्तर के तहत, सड़क कार्यों की गुणवत्ता की निगरानी के लिए विस्तृत दिशानिर्देश दिए गए हैं। निर्माण कार्यों के निरीक्षण की विधि, टिप्पणियां करने और रिपोर्टिंग मानक, सुस्पष्ट और वस्तुनिष्ठ है।

दिशानिर्देशों की स्पष्ट समझ सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट और अच्छी तरह से अभिव्यक्त दिशानिर्देशों के अलावा, अभिमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। गुणवत्ता तंत्र का तीसरा स्तर पीएमजीएसवाई का महत्वपूर्ण पहलू है और राष्ट्रीय गुणवत्ता मॉनिटर्स का निष्पादनबेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए, एनआरआरडीए इनके निष्पादन का नियमित आधार पर मूल्यांकन कर रहा है। निष्पादन मूल्यांकन के दौरान निम्नलिखित पहलुओं के संबंध में आकलन आवश्यक है:

  • क्या एनक्यूएम ने निरीक्षण दिशानिर्देशों के अनुसार किया है;
  • क्या टिप्पणियां दर्ज करते हुए एनक्यूएम द्वारा बुद्धिमत्तापूर्ण तरीके से काम किया गया है या नहीं;
  • वांछनीय तकनीकी टिप्पणियों से बचने की प्रवृत्ति तो नहीं दर्शाई गई है;
  • क्या एनक्यूएम ने निरीक्षण प्रारूप को अकारण अधूरा छोड़ दिया है;
  • क्या एनक्यूएम ने उपयुक्त परीक्षण या सर्वोत्तम पेशेवरतौर-तरीके अपनाए बिना प्रारूप को यंत्रवत तरीके से भर दिया है।

एनआरआरडीएद्वारा गठित निष्पादन मूल्यांकन समिति के सदस्यों द्वारा एनक्यूएमकी रिपोर्टों की समीक्षा की जाएगी। निरीक्षण की प्रत्येक मद और उप-मद का मूल्यांकन किया जाएगा और निष्पादनमूल्यांकनकर्ता की टिप्पणियों काअंकों के रूप में परिमाण निर्धारित किया जाएगा। मद और उप-मद वार अधिकतम अंक संलग्न अंकन प्रारूप (मूल्यांकन पत्रक) के अनुसार होंगे। मूल्यांकनकर्ता द्वारा प्राप्त अंकों को निर्धारित कॉलम में भरा जाएगा। निर्माण कार्य की विशिष्ट मद या उप-मद के प्रावधान के आधार पर, कुल अधिकतम अंक सभी मामलों में समान नहीं रहेंगे और एनक्यूएम ने जिन सड़कों का दौरा किया है, उनके काम के चरण के आधार पर अलग-अलग होंगे। इसलिए, मूल्यांकन के लिए पूर्ण योग के बजायप्रतिशतताको आधार बनाया जाएगा।

निष्पादन मूल्यांकन के लिए अंकप्रदान करनेकी पद्धति

अंक नीचे दिए गए तरीके से प्रदान किए जाएंगे। आसान समझ के लिए, सुलभ संदर्भ हेतुप्रारूपों सहित गुणवत्ता तंत्र के तीसरे स्तर के तहत गुणवत्ता निगरानी के लिए दिशानिर्देश संलग्न हैं।

गुणवत्ता व्यवस्थाओं पर टिप्पणियां

फील्ड प्रयोगशाला की स्थापना, उपकरणों की उपलब्धता और उपकरणों के उपयोग पर एनक्यूएमकी टिप्पणियों, का मूल्यांकन किया जा सकता है। इन मदों के लिए 5 अंक निर्धारित हैं।

इन मदों के लिए अनिवार्य परीक्षणों, गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर के बारे में टिप्पणियोंका मूल्यांकन किया जा सकता है।5 अंक निर्धारित हैं।

परिणामों की गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर में पीआईयूद्वारा दर्ज परीक्षण परिणामों से तुलना किया जाना अपेक्षित है। यह देखा जाना चाहिए कि क्या एनक्यूएम ने इन परिणामों को सत्यापित करने के प्रयास किए हैं और इस मद के लिए 5 अंक निर्धारित हैं।

जियोमेट्रिक्स पर टिप्पणियां

निर्माणाधीन/पूर्ण निर्माण कार्यों के मामले में, एनक्यूएमसे यह अपेक्षित है कि वह निर्धारित चेनेज़ में सड़कमार्ग और कैरिजमार्ग की चौड़ाई, मोड़ों पर सुपर ऊंचाई और अतिरिक्त चौड़ीकरण का मापन करें और इनकी पर्याप्तता के बारे में टिप्पणियां प्रस्तुत करें। इन उप-मदों में से प्रत्येक के लिए 2 अंक निर्धारित हैं। एनक्यूएमसे पहाड़ी/ढ़लान वाले क्षेत्रों के मामले में ग्रेडिएंट पर टिप्पणियां प्रस्तुत करने की भी अपेक्षा होती है। इस उप मद के लिए 6 अंक निर्धारित हैं।

निर्माण कार्य से संबद्ध कार्यों की गुणवत्ता पर टिप्पणियां

एनक्यूएमसे निर्माण से संबंधित सभी संबद्ध कार्यों के संबंध में हाथ से महसूस करके की गई जांच या विस्तृत परीक्षण के आधार पर टिप्पणी करना अपेक्षित है। टिप्पणियों को सुविधाजनक बनाने के लिए उनसे परीक्षण गड्ढे खोदनाभी अपेक्षित है।उप-मदोंके अनुसार अंक निर्धारण निम्नलिखित तरीके से किया जाएगा:

  • मिट्टी की खुदाई संबंधी कार्य: अधिकतम 10 अंक. अंक निर्धारण निष्पादन मूल्यांकन पत्रक में विस्तार से वर्णित चार उप-मदों के मामले में एनक्यूएम द्वारा की गई टिप्पणियों की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।
  • सब-बेस: अधिकतम 10 अंक. अंक निर्धारण निष्पादन मूल्यांकन पत्रक में विस्तार से वर्णित चार उप-मदों के मामले में एनक्यूएम द्वारा की गई टिप्पणियों की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।
  • बेस कोर्स: अधिकतम 10 अंक. अंक निर्धारण निष्पादन मूल्यांकन पत्रक में विस्तार से वर्णित चार उप-मदों के मामले में एनक्यूएम द्वारा की गई टिप्पणियों की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।
  • बिटुमिनस कोर्स: बिटुमिनसकोर्सेज के लिए अधिकतम 10 अंक। निर्माणाधीन कार्यों के मामले में, एनक्यूएम द्वारा एग्रीगेट की ग्रेडिंग, बाइंडर और तापमान पर ध्यान दिया जाना चाहिए। पूर्ण कार्य के मामले में, एनक्यूएमद्वारा मोटाई और सतह की सतततापर ध्यान दिया जाना चाहिए। अंकनिर्धारणएनक्यूएमद्वारा की गईटिप्पणियों की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।
  • शोल्डर: अधिकतम 5 अंक।अंक निर्धारण निष्पादन मूल्यांकन पत्रक में विस्तार से वर्णित तीन उप-मदों के मामले में एनक्यूएम द्वारा की गई टिप्पणियों की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।
  • आर-पार निकासी कार्य: अधिकतम 10 अंक।एनक्यूएमको आर-पार निकासीकी पर्याप्तताऔर गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए। अंक निर्धारण स्थान, प्रकार और आर-पार निकासी की गुणवत्ता के संबंध में एनक्यूएमद्वारा की गईं टिप्पणियों की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।
  • किनारे की नालियां और जलग्राही नालियां: अधिकतम 5 अंक।एनक्यूएम को नालियों की पर्याप्तताऔर गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए। अंकनिर्धारणएनक्यूएमद्वारा की गईंटिप्पणियों की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।
  • सीमेंटकंक्रीटफुटपाथ और नालियाँ: अधिकतम 10 अंक।एनक्यूएमको आर-पार निकासीफुटपाथ/अर्ध-कठोर फुटपाथों और नालियों की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए जिसमें आर-पार निकासी के साथ उनका एकीकरण भी शामिल है। अंकनिर्धारणएनक्यूएमद्वारा की गईं टिप्पणियों की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।
  • रोड साज-सज्जा और मार्किंग्स: अधिकतम 6 अंक।एनक्यूएमको साज-सज्जास्थापना की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा। अंकनिर्धारणएनक्यूएमद्वारा की गईं टिप्पणियों की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा।

विशेष शर्तें

  • विरोधाभासी टिप्पणियों के मामले में अंकनिर्धारण: यदि किसी भी मद में एनक्यूएम ने ऐसी टिप्पणी की है जो रिपोर्ट के पहले भाग में की गई टिप्पणी के विपरीत हो, तो जहां यह टिप्पणी की गई हो, उस मद या उप-मद में शून्य अंक दिया जाएगा। जिस पहली मद या उप मद काउक्त टिप्पणी खंडन करती हो उसके लिए भी शून्य अंक प्रदान किया जाएगा।
  • कोई भी टिप्पणी दर्ज नहीं करने पर अंक: यदि एनक्यूएमने बिना कारण बताए कोई टिप्पणी दर्ज नहीं की हो, तो उस विशेष मद/उप मद के तहत शून्य अंक प्रदान किया जाएगा।
  • गलत ग्रेडिंग के मामले में अंक: यदि किसी मद के लिए की गई टिप्पणी उस मद को दी गई ग्रेडिंग के अनुरूप नहीं हैं, तो संबंधित मद में शून्य अंक दिया जाएगा जैसा कि ऊपर दिए गए खंड 2.3 में वर्णित है।
  • गलत समग्र ग्रेडिंग के मामले में अंकनिर्धारण: यदि समग्र ग्रेडिंग की गणना दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं है, तो यह एनक्यूएम की देखरेख और गंभीरता का उचित संकेतक होगा। ऐसे मामले में कोई अंकनिर्धारण नहीं किया जाएगा और मूल्यांकन पत्र पर "गलत समग्र ग्रेडिंग" शब्द लिखा जाएगा।

निष्पादनरेटिंग और सारांशीकरण

एनक्यूएमकी निष्पादनरेटिंग सभी मूल्यांकित रिपोर्टों में प्राप्त अंकों के औसत पर निर्भर करेगी। मूल्यांकनकर्ता द्वारा सभी मूल्यांकित रिपोर्टों में टिप्पणियों के औसत के आधार पर सारांश पत्रक भरा जाएगा।

निष्पादन मूल्यांकन पत्रक

कोड:
निर्माण कार्य का नाम:
निर्माणाधीन या पूर्ण कार्य: निर्माणाधीन/पूर्ण
जिला:
राज्य:

क्रम सं. मद उप मद संबंधित मामला अधिकतम अंक लागू अंक प्राप्त अंक
गुणवत्ता के प्रति ध्यान
1. गुणवत्ता व्यवस्थाएं और गुणवत्ता के प्रति ध्यान फील्ड प्रयोगशाला निर्माणाधीन एवं पूर्ण 3    
क्यूसी रजिस्टर 3    
परीक्षण परिणामों का सत्यापन 4    
कुल 10    
जियोमेट्रिक्स
2. जियोमेट्रिक्स सड़कमार्ग तथा कैरिजमार्ग निर्माणाधीन एवं पूर्ण 2    
सुपर-ऊंचाई तथा अतिरिक्त चौड़ाई 2    
पहाड़ी और ढ़लान वाले क्षेत्रों के मामले में ग्रेडिएंट 6    
कुल 10    
निर्माण संबंधी संबद्ध कार्यों में गुणवत्ता पर टिप्पणियां
3. मिट्टी की खुदाई संबंधी कार्य मृदा वर्गीकरण निर्माणाधीन एवं पूर्ण 2    
संघनन डिग्री 4    
किनारे की ढ़लान पूर्ण 2    
पहाड़ी/ढ़लान वाले क्षेत्रों और ऊंचे तटबंधों पर मिट्टी की खुदाई निर्माणाधीन एवं पूर्ण 2    
कुल 10    
ग्रेनुलर सब-बेस
4. ग्रेनुलर सब-बेस ग्रेडिंग निर्माणाधीन एवं पूर्ण 2    
प्लास्टिसिटी 2    
संघनन 4    
मोटाई 2    
कुल 10    
बेस कोर्स
5. बेस कोर्स एग्रीगेट की ग्रेडिंग निर्माणाधीन एवं पूर्ण 2    
भराव सामग्री का आयतन एवं प्लास्टिसिटी 2    
संघनन 4    
मोटाई 2    
कुल 10    
6. सील कोट सहित प्रीमिक्सकार्पेट/बीएम/एसडी/एमपीएम एग्रीगेट की ग्रेडिंग निर्माणाधीन 4    
बाइंडर का ग्रेड 2    
मिश्रण करने और बिछाने का तापमान 4    
कुल 10    
7. बीटी परत की कारीगरी मोटाई पूर्ण 5    
सतह की सततता 5    
कुल 10    
8. शोल्डर्स सामग्री पूर्ण 1    
कारीगरी 2    
कैंबर 2    
कुल 5    
9. आर-पार निकासी संबंधी निर्माण कार्य सामान्य गुणवत्ता निर्माणाधीन एवं पूर्ण 5    
सामान्य कारीगरी 5    
कुल 10    
10 किनारे की नालियां तथा जलग्राही नालियां सामान्य टिप्पणियां निर्माणाधीन एवं पूर्ण 5    
11. सीसी/ अर्ध ठोस/फुटपता एवं संबद्ध किनारे की नालियां मोटाई निर्माणाधीन एवं पूर्ण 3    
सामान्य गुणवत्ता 4    
सामान्य कारीगरी 3    
कुल 10    
12. सड़क साज-सज्जा तथा मार्किंग्स मुख्य सूचनात्मक बोर्ड एवं नागरिक सूचना बोर्ड निर्माणाधीन 3    
अन्य सड़क साज-सज्जा तथा मार्किंग्स पूर्ण 2    
कुल   5    

लागू अंकों कीतुलना में प्राप्त अंक = %

(मूल्यांकनकर्ता का नाम और हस्ताक्षर)

एनक्यूएम का निष्पादन सारांश
एनक्यूएमकोड:
अवधि:

क्या निरीक्षण सामान्य तौर पर दिशानिर्देशों के अनुसार किए गए: हांनहीं

टिप्पणियां दर्ज करते समय बुद्धिमत्तापूर्ण तरीके से काम करने संबंधी सामान्य टिप्पणी (टिप्पणियों और ग्रेडिंग में सहसंबंध)

मद पूर्ण आंशिक नगण्य
गुणवत्ता व्यवस्थाएं      
निर्माण कार्य की गुणव्तता      
(क) खुदाई संबंधी कार्य      
(ख) सब-बेस      
(ग) बेस-कोर्स      
(घ) बिटुमिनस कोर्स      
(च) आर-पार निकासी/नालियां/सीमेंटकंक्रीट फुटपाथ आदि      
(छ) साज-सज्जा एवं सड़क चिह्न      

क्या एनक्यूएमने बिना कोई कारण स्पष्ट किए निरीक्षण प्रारूप को खाली छोड़ दिया है: हांनहीं

क्या वांछनीय तकनीकी विवरणों से बचने की प्रवृत्ति देखी गई है: हांनहीं

क्या एनक्यूएमने विरोधाभासी टिप्पणी की है: हांनहीं

क्या एनक्यूएमअपनी टिप्पणियों के माध्यम से परियोजना कार्यान्वयन इकाईको मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है: हांनहीं

औसत अंक: %

हस्ताक्षर:
मूल्यांकनकर्ता का नाम:

गुणवत्ता आश्वासन और नियंत्रण तंत्र संबंधी दिशानिर्देश

परिचय

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में तीन स्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण और गुणवत्ता निगरानी तंत्र की परिकल्पना की गई है।

  • पहला स्तरपीआईयू/निर्माण कार्य के प्रभारी पीआईयू के वरिष्ठ इंजीनियर के रूप होगा। ठेकेदार गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं की स्थापना करेगा और अनुबंध में निर्धारित परीक्षण पूरे करवाएगा।परीक्षण के परिणाम निर्धारित गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर में दर्ज किए जाएंगे। पीआईयू के इंजीनियर पैराग्राफ3 में वर्णित प्रतिशतता के अनुसार परीक्षण किए जाने के साक्षी रहेंगे। सभी संबंधित अधिकारी गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर में अपनी टिप्पणियां दर्ज करेंगे।
  • दूसरी स्तर में राज्य गुणवत्ता नियंत्रण समन्वयक (एसक्यूसी) और पीआईयूसे स्वतंत्र रूप सेनोडल एजेंसी द्वारा नियुक्त कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले निरीक्षण शामिल होंगे।
  • तीसरे स्तर में एनआरआरडीएद्वारा नियुक्त राष्ट्रीय गुणवत्ता मॉनिटर्स (एनक्यूएम) शामिल होंगे, जो राज्य/केंद्रीय संगठनों से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अभियंता होंगे। ये एनक्यूएममुख्य रूप से इस बात की पुष्टि करने के लिए कि कार्यक्रम कार्यान्वयन और राज्य गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली संतोषजनक ढंग से काम कर रही है, प्राथमिकता सूची से औचकनमूनाकरण के आधार पर पीएमजीएसवाई का गुणवत्ता परीक्षण करेंगे। एनक्यूएमसे अपेक्षा की जाती है कि वे विशिष्ट कार्य स्तर पर समस्याओं का पता लगाने के अलावा प्रक्रियागत पहलुओं से संबंधित रचनात्मक सुझाव भी प्रदान करें।इस संबंध में एनक्यूएमद्वारा उठाए गए मुद्दों और एनआरआरडीएकी टिप्पणियों पर अनुपालन की रिपोर्टिंग के लिए एसक्यूसीजिम्मेदार होंगे।

गुणवत्ता नियंत्रण पुस्तिका और गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर

सड़क के कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना उन राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन की जिम्मेदारी है जो कार्यक्रम को लागू कर रहे हैं। इसमें मार्गदर्शन के लिए एनआरआरडीएने एक गुणवत्ता नियंत्रण पुस्तिका प्रकाशित की है, जिसका गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पालन किया जाना चाहिए। इस कार्यक्रम के तहत सड़क के प्रत्येक निर्माण कार्य के लिए गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर हमेशा बनाए रखा जाएगा। ठेकेदारों को तब तक भुगतान नहीं किया जाएगा जब तक ग्रामीण सड़क नियमावली और गुणवत्ता नियंत्रण पुस्तिकाओं में निर्धारित अनिवार्य परीक्षण नहीं किए जाते, और इनके परिणाम विनिर्देशों के अनुसार नहीं पाए जाते। गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर दो भागों में रखा जाएगा। पहला भाग गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर –परीक्षणों संबंधी रिकॉर्ड और दूसरा भाग परीक्षण तथा गैर-अनुरूपता रिपोर्टों का सारांश होगा

  • रजिस्टर भाग- I: रजिस्टर का पहला भाग बुनियादी गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षणों के लिए जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा आयोजित सभी गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षणों से संबंधित रजिस्टर है। अनुबंध दस्तावेज में ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता नियंत्रण के प्रावधान के अनुसार, प्रत्येक सड़क निर्माण कार्य के लिए ठेकेदार को गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर जारी किया जाएगा। यह रजिस्टर सदैव कार्य स्थल पर उपलब्ध रहेगा। इस रजिस्टर को किसी भी स्थिति में साइट से दूर नहीं ले जाया जाएगा। रजिस्टर के पहले भाग में तीनखंड होंगे:
    खंड 1: मिट्टी की खुदाई संबंधी कार्य
    खंड 2: ग्रेनुलर निर्माण
    खंड3: बिटुमिनस निर्माण
  • रजिस्टर पार्ट- II: रजिस्टर का दूसरा हिस्सा आयोजित किए गए परीक्षणों के सारांश और गैर-अनुरूपता रिपोर्ट का रिकॉर्ड है। इसका रखरखाव कार्यस्थल के प्रभारी अधिकारी द्वारा किया जाएगा जो कि सहायक अभियंता के पद के नीचे नहीं होना चाहिए।
  • गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर उसी तरीके से जारी किया जाएगा जिस तरह से निर्माण कार्य के लिए मापन पुस्तिका जारी की जाती है। हर रजिस्टर कोपृष्ठांकित होना चाहिए और कोई भी पृष्ठ हटाया नहीं जाना चाहिए। गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर जारी करने संबंधी रजिस्टर को पीआईयू प्रमुख द्वारा संभाला जाएगा।
  • ऐसे पहाड़ी रास्तों के मामले में, जहाँ केवल फॉर्मेशनकटिंग के काम को निष्पादित किया जाना हो, वहां सीबीआरऔर संघननसंबंधी परीक्षणों को छोड़कर, खुदाई संबंधी खंड में दिखाए गए अन्य परीक्षणों की आवश्यकता शायद नहीं हो। ऐसे मामलों में, प्रारूपों की आवश्यकता नहीं होगी।
  • भाग 1 और भाग 2 के परीक्षण प्रारूपों को गुणवत्ता नियंत्रण पुस्तिका के दिशानिर्देशों के अनुसार भरा जाएगा।

गुणवत्ता नियंत्रण का पहला स्तर

कार्यक्रम क्रियान्वयन इकाई (पीआईयू) प्रमुख या कार्यकारी अभियंता अपने प्रभार के तहत आने वाले निर्माण कार्योंमें गुणवत्ता नियंत्रण के लिए उत्तरदायी हैं। सभी अनिवार्य गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षणों के लिए वह जिम्मेदार है। पीएमजीएसवाई के मानक बोली दस्तावेज के अनुसार अनुबंध ठेकेदारफील्डप्रयोगशालाओं की स्थापना कीव्यवस्था करता है। गुणवत्ता नियंत्रण के पहले स्तर के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का सुझाव दिया जाता है। उचित गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षणों के लिए आधिकारिक जिम्मेदारी कार्यक्रम कार्यान्वयन इकाई स्तर (पीआईयू) पर है। यदि गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षण के लिए ढांचागत व्यवस्था उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारीठेकेदार की हो, तो निम्नलिखित जांच तंत्र निर्धारित किया जा सकता है।

  • सभी परीक्षण ठेकेदार द्वारा नामित योग्य कर्मचारियों द्वारा किए जाने चाहिए और उसके द्वारा गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर भाग-I में इनका रिकॉर्डरखा जाना चाहिए।
  • 50%परीक्षण निर्माण कार्य के प्रभारी जेई की उपस्थिति में किए जाने चाहिए और जेई को गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर भाग-1 में अपनी टिप्पणियों को दर्ज करना चाहिए।
  • 20% परीक्षण निर्माण कार्य के प्रभारी एई ​​की उपस्थिति में किए जाने चाहिए और एई को गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर भाग -1 में अपनी टिप्पणियों को दर्ज करना चाहिए।
  • 5% परीक्षण निर्माण कार्य के प्रभारी ईई/पीआईयू की उपस्थिति में किए जाने चाहिए और ईई/ पीआईयू को गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर भाग -1 में अपनी टिप्पणियों को दर्ज करना चाहिए। ईई/ पीआईयू यह भी सुनिश्चित करेगा कि गैर-अनुरूपता रिपोर्ट समयबद्ध तरीकेसे जारी की जाए और ठेकेदार नीचे वर्णित पैराग्राफ (ख) में वर्णित तंत्र के माध्यम से निर्धारित समय के भीतर इस पर कार्रवाई करे।
  • अधीक्षण अभियंता (एसई), निर्माण कार्यों पर उनके भ्रमण के दौरान गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षणों का पर्यवेक्षण करेंगे और गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर भाग-I में उनकीटिप्पणियांदर्ज करेंगे। एसई यह निगरानी करेगा कि गैर-अनुरूपता रिपोर्टें समयबद्ध तरीकेसे जारी की जाती हों और ठेकेदार निर्धारित समय के भीतर इस पर कार्रवाई करता हो।
  • मुख्य अभियंता (सीई), निर्माण कार्यों पर उनके भ्रमण के दौरान गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षणों का पर्यवेक्षण करेंगे और गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर भाग-I में उनकीटिप्पणियांदर्ज करेंगे। सीई यहभी समीक्षा करेंगे कि गैर-अनुरूपता रिपोर्टें समयबद्ध तरीकेसे जारी की जाती हों और ठेकेदार निर्धारित समय के भीतर इस परउपचारात्मककार्रवाई करे।

प्रत्येक माह के पहले सप्ताह में सहायक अभियंता द्वारा सहायक अभियंता को निर्धारित प्रोफार्मा में परीक्षणों का मासिक विवरण प्रस्तुत किया जाएगा। कार्यकारी अभियंता इस विवरण की नियमित रूप से समीक्षा करेंगे ताकियह देखा जा सके कि गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षण वांछित बांरबांरता के अनुसार और आवश्यक सटीकता के अनुरूप किए जा रहे हों। ईई यह भी देखेंगेकि जब भी गैर-अनुरूपता का मामला पाया जाता हैतब एई द्वारा गैर-अनुरूपता रिपोर्ट द्वारा जारी की जाती हो और गैर-अनुरूपता रिपोर्ट पर ठेकेदार द्वारा तुरंत कार्रवाई की जाए। ठेकेदार को होने वाले भुगतान को गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षणविवरणों के अनुसार विनियमित किया जाना चाहिए।

गुणवत्ता नियंत्रण का दूसरा स्तर

गुणवत्ता नियंत्रण संरचना के दूसरे स्तर के रूप में, राज्य सरकार द्वारा गठित/नियुक्त राज्य गुणवत्ता नियंत्रण इकाइयों/मॉनिटरों द्वारा कार्यकारी अभियंता/पीआईयूसे स्वतंत्र रूप से समय-समय पर निर्माण कार्यों के निरीक्षण किए जाएंगे। गुणवत्ता निगरानी का यह स्तर बहुत महत्वपूर्ण है और इसे यह पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है कि निष्पादन एजेंसी विनिर्देशोंके अनुरूप गुणवत्ता नियंत्रण कर रही हो। राज्य इस काम के लिए किसी एजेंसी को नामित कर सकते हैं या कार्यकारी अभियंता और उससे ऊपर के स्तर के सेवानिवृत्त अधिकारियों को नियुक्त कर सकते हैं। राज्य सरकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस स्तर पर समुचित कार्य सुनिश्चित करने के लिए अनुपूरक दिशानिर्देश जारी करें। राज्य स्तरीय गुणवत्ता निगरानी के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जा सकती है।

अधीक्षण अभियंता (एसई) या उससे ऊपर के स्तर का एक राज्य गुणवत्ता नियंत्रण समन्वयक (एसक्यूसी) होना चाहिए। समन्वयक के कार्य निम्नानुसार होने चाहिए:

  • गुणवत्ता नियंत्रण के पहले स्तर की व्यवस्थाओं का समन्वय और पर्यवेक्षण।
  • राज्य गुणवत्ता निगरानी व्यवस्था की गतिविधियों का समन्वय और नियंत्रण करना, और राज्यगुणवत्ता मॉनिटरों की रिपोर्टों पर कार्रवाई का संकलन सुनिश्चित करना।
  • राष्ट्रीय गुणवत्ता निगरानी व्यवस्था की गतिविधियों को सुगम बनानातथा समन्वय करना और राष्ट्रीय गुणवत्ता मॉनिटरों की रिपोर्टों पर कार्रवाई का संकलन सुनिश्चित करना।
  • एसक्यूएमऔर एनक्यूएमकी रिपोर्टों और उन पर की गई कार्रवाई के आधार एसक्यूएमदौरों का मासिक सारांश और वार्षिक गुणवत्ता रिपोर्ट तैयार करना।

कार्यक्रम जिलों में गुणवत्ता की देखरेख के लिए राज्य सरकार द्वारा राज्य गुणवत्ता इकाइयों/मॉनिटरों (एसक्यूएम) कागठन/नियुक्ति की जानी चाहिए। ये मॉनीटरनिष्पादन एजेंसी से स्वतंत्र होने चाहिएऔर इनके द्वारा राज्य गुणवत्ता नियंत्रण समन्वयक को रिपोर्ट की जानी चाहिए। गुणवत्ता नियंत्रण संगठन, एजेंसियां ​​या ऐसे व्यक्ति जिनके पास सड़क कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रण में अनुभव हो, उन्हें इस उद्देश्य के लिए नियुक्तकियाजा सकता है।

एसक्यूएमके कार्यक्रम को इस तरह तैयार किए जाने चाहिए कि प्रत्येकनिर्माण कार्य का कम से कम दो बार निरीक्षण किया जाए। प्रत्येक निर्माण कार्य का पहला निरीक्षण निर्माण कार्य के निर्माणाधीन होने के दौरान किया जाना चाहिए और अंतिम निरीक्षण प्रत्येक कार्य के पूरा होने पर, उसके पूर्ण होने के एक महीने के भीतर किया जाना चाहिए।

एसक्यूसीमॉनिटरों (ब्लॉक/जिला वार) के लिए मासिक समय-सारणी तैयार कर सकता है ताकि व्यवस्थित कवरेज सुनिश्चित हो सके। राज्य गुणवत्ता मॉनिटरों की टिप्पणियों के अनुपालन की निगरानी के लिए अच्छी तरह से निर्धारित प्रणाली तैयार की जानी चाहिए।

एसक्यूएमको निरीक्षण रिपोर्ट के लिए विस्तृत प्रारूप दिया जाना चाहिए जिसमें निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए।

  • फुटपाथ और आर-पार निकासी निर्माण कार्यों का डिजाइन।
  • निर्माणस्थल आवश्यकताओं से संबंधित अनुमानों में किए गए प्रावधान।
  • अनुबंध का प्रबंधन, ठेकेदार द्वारा योग्य कर्मचारियों की तैनाती और ठेकेदार द्वारा कार्यात्मक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना।
  • निर्माण कार्यक्रम और कार्य की प्रगति।
  • निष्पादन पद्धति और विनिर्देशों का पालन।
  • गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं में व्यवस्था।
  • परीक्षणों का रिकॉर्ड- गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर और उनका अद्यतन रखरखाव।
  • गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षण की सटीकता, गैर-अनुरूपता रिपोर्ट (एनसीआर) जारी करना और एनसीआर पर ठेकेदार की कार्रवाई।
  • विभागीय अधिकारी/एसक्यूएम या एनक्यूएमद्वारा निरीक्षण और उनके निर्देशों का अनुपालन।
  • आर-पार निकासी निर्माण कार्यों और किनारेकी नालियों का प्रावधान और निष्पादन।
  • सड़क साज-सज्जा, लोगो, साइनबोर्ड और सावधानी बोर्ड।
  • ठेकेदारों को समय पर भुगतान।
  • निष्पादन एजेंसी के कर्मचारियों और ठेकेदार के तकनीकी ज्ञान सहित अन्य मुद्दे।

एसई/सीईको प्रतिलिपिप्रदान करते हुए राज्य गुणवत्ता समन्वयक निगरानी रिपोर्टें परियोजना कार्यान्वयन इकाई को भेज सकता है। अनुपालन रिपोर्टेंएसई/सीई के माध्यम से एसक्यूसीको भेजी जानी चाहिए। अनुपालन की रिपोर्ट में देरी के सभी मामलों और स्वीकार्य गुणवत्ता से विचलन के प्रमुख मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

एसक्यूएम, पीआईयू और ठेकेदारों के साथ बैठकें कर सकते हैं और गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए फील्ड/जिला प्रयोगशालाओं का निरीक्षण कर सकते हैं।

डिजाइन, परीक्षण और निष्पादन से संबंधित मामलों में एसक्यूसी/एसक्यूएमको राज्य तकनीकी एजेंसियों के साथ भी बातचीत करनी चाहिए।

एसक्यूसी प्रत्येक माह जिलावार टिप्पणियां देते हुए एसक्यूएमदौरों के सारांश को संकलित करेगा और निर्धारित प्रारूप में डीपीआईयू, सीई, नोडल विभाग और एनआरआरडीएको प्रतियां भेजेगा।

राज्य गुणवत्ता नियंत्रण समन्वयक को राज्य गुणवत्ता निगरानी प्रणाली का विश्लेषण करते हुए वार्षिक रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए और राज्य नोडल एजेंसी के माध्यम से इसे एनआरआरडीए को भेजा जाना चाहिए। विश्लेषण में एसक्यूएम रिपोर्टों, एनक्यूएम रिपोर्टों के निष्कर्ष,विशिष्ट मामलों में की गई कार्रवाई और पाई गईंप्रणालीगतखमियों और इनके प्रति उठाए गए उपचारात्मक कदम शामिल होने चाहिए।

गुणवत्ता नियंत्रण का तीसरा स्तर

गुणवत्ता निगरानी का तीसरा स्तर गुणवत्ता निगरानी के पहले और दूसरे स्तर पर अपनाई जा रही प्रणालियों और प्रक्रियाओं के सत्यापन और समीक्षा की दिशा में अधिक उन्मुख होता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्दिष्ट अपेक्षाओं को पूरा किया जा रहा है।

गुणवत्ता नियंत्रण संरचना के तीसरे स्तर के रूप में, एनआरआरडीए स्वतंत्र राष्ट्रीय गुणवत्ता मॉनिटर्स (एनक्यूएम) को संलग्न करता है, जिनमें से ज्यादातर राज्य/केंद्रीय संगठनों से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अभियंता हैं। एनक्यूएमको आगामी दो महीनों के कार्यक्रम के अनुसार, अगले दो माहमें होने वाले निरीक्षणोंके संबंध में अनुरोध पत्र दिया जाता है। एनक्यूएमसे यह अपेक्षित है कि वेप्रत्येक दो महीनों में किसी एक राज्यकी एकल यात्रा में तीन जिलों का निरीक्षण करें। एनक्यूएमको उपयुक्त कार्यक्रम को इस तरह अंतिम रूप देना चाहिए कि प्रत्येक जिले में 2 से 4 निर्माण कार्यों (2 निर्माणाधीनकार्य या 1 निर्माणाधीन कार्य और 2 पूर्ण कार्य या 4 पूर्ण निर्माण कार्य) का सामान्य रूप से निरीक्षण करते हुए प्रत्येक जिले में तीन दिनों से अधिक नहीं बिताने चाहिए। राज्यों, जिलों के साथ-साथ ऐसे ब्लॉक जहां निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया जाना हो, को राज्यों को आवंटित पत्र में इंगित किया जाएगा। मॉनिटरों की निरीक्षण रिपोर्ट के लिए प्रारूप निर्धारित किए गए हैं (भाग- II का प्रारूपडी-1 और डी-2) और एनक्यूएमके लिएपीआईयू, एसक्यूसी और एनआरआरडीए को रिपोर्ट की प्रति प्रस्तुत करना आवश्यक है। एनक्यूएमअपने निरीक्षण के निष्कर्षों की समीक्षा करने के लिए और पीआईयू क तहत अन्य सभी निर्माण कार्यों में बेहतर गुणवत्ता प्राप्त करने हेतु सुझावदेने के लिए निरीक्षण के पश्चात सभी इंजीनियरों के साथ विचार-विमर्श का आयोजन करेगा।एनक्यूएमसे एसओसीऔर एसटीएसे भी बातचीत करने की उम्मीद की जाती है जो कि उनके लिए सुविधाजनक हो।

राष्ट्रीय गुणवत्तामॉनिटरोंसे अपेक्षित है किवे उन्हें जारी किए गए दिशा-निर्देशों में प्राथमिकता के अनुसार निर्माण कार्यों का दौरा करें (पैराग्राफ सं. 2 के तहत “निरीक्षण के लिए कार्य की प्राथमिकता तय करना”)। वे राष्ट्रीय गुणवत्ता मॉनिटर की निरीक्षण रिपोर्ट के प्रारूप के अनुसार किए गए परीक्षणों और प्राप्त परीक्षण निष्कर्षों कोइंगित करते हुए सामग्री और कारीगरी के संदर्भ मेंनिर्माण कार्य के प्रत्येक भाग का मूल्यांकन करेंगे। वे ठेकेदार/डीपीआईयू/ एसक्यूएम अनुसारपरीक्षण/निरीक्षण के संबंध में परिणाम का विश्लेषण करेंगे। एनक्यूएम द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट की एक प्रति डीपीआईयूके प्रमुख को सौंप दी जाएगी।

राष्ट्रीय गुणवत्ता मॉनिटर्स सभी अलग-अलगनिर्माण कार्योंके अनुसार निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, जिसमें उनके द्वारा निरीक्षित कार्यों के साथ-साथ उनके द्वारा जांची गई अन्य निरीक्षण रिपोर्टोंके आधार पर सामान्य विश्लेषणभी शामिल होगा। राष्ट्रीय गुणवत्ता मॉनिटर्स की भूमिका चूंकि केवल 'छिद्रान्वेषण' के बजाय मार्गदर्शन और सुधार संबंधी भी है, इसलिए विश्लेषण अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है और इसे निम्नलिखित मसलों सुधार लाने के लिए प्रणालीगतखामियों/कमियों और सुझावों को वर्णित करते हुए ध्यानपूर्वक तैयार किया जाना चाहिए:

  • डिजाइन और अनुमान
  • निष्पादन और पर्यवेक्षण
  • गुणवत्ता नियंत्रण
  • ठेकेदारी आदि

एनक्यूएमकी रिपोर्ट का विश्लेषण एनआरआरडीएमें किया जाता है और राज्यों से अनुरोध किया जाता है कि वे राष्ट्रीय गुणवत्तामॉनिटरों की रिपोर्ट पर जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करें।

गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाएं

राज्यों से यह अपेक्षित है कि वे ठेकेदारों द्वाराफील्ड स्तर की गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं की स्थापना किया जाना सुनिश्चित करें। राज्यों से यह भी अपेक्षित है कि वे ग्रामीण सड़क नियमावली के प्रावधानों के अनुसार जिला स्तरीय प्रयोगशालाओं की स्थापना/संचालन सुनिश्चित करें। जिला प्रयोगशालाओं में उपकरणों और प्रशिक्षित कर्मचारियों का प्रबंध करना आवश्यक है। गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षण के उच्च स्तर के लिए इंजीनियरिंग कॉलेजों और अन्य संस्थानों की प्रयोगशालाओं का भी उपयोग किया जाना चाहिए। परीक्षण की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए, राज्य सरकारें ऐसे संस्थानों की प्रयोगशालाओं को इम्पैनल कर सकती हैं और विभिन्न परीक्षणों के संचालन के लिए दरों को निर्धारित कर सकती हैं। एनआरआरडीएगुणवत्ता पुस्तिकाओं में वर्णित अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए जिला और क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं को उपकरण उपलब्ध करवाने के लिए धनराशि का प्रावधान करता है।

प्रयोगशालाओं के कर्मचारियों के लिए भी नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि परीक्षण प्रक्रिया और परिणामों की सटीकता को सुनिश्चित किया जा सके।

पीएमजीएसवाई के आकलन के लिए क्षेत्र अधिकारियों का दौरा

भाग-क: जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन इकाइयों (डीपीआईयू) के साथ चर्चा

क्षेत्र अधिकारी जिले में कार्यक्रम कार्यान्वयन की स्थिति के सामान्य मूल्यांकन के लिए डीपीआईयूके अधिकारियों के साथ चर्चा कर सकते हैं। इस काम के अंग के रूप में, क्षेत्र अधिकारियों को ऑनलाइन प्रबंधन निगरानी और लेखा प्रणाली (ओएमएमएएस) के कार्यान्वयन की स्थिति की विशेष रूप से जांच करनी चाहिए। विशेष रूप से, क्षेत्र अधिकारी यह पुष्टि कर सकते हैं कि डेटा को ओएमएमएएसमें नियमित रूप से दर्ज किया जा रहा है या नहीं और डेटा की सटीकता को पीआईयू में एक समर्पित अधिकारी द्वारा पुष्टि की जा रही है या नहीं। इस प्रयोजन के लिए, क्षेत्र अधिकारी वेबसाइट www.pmgsy.nic.in पर लॉगऑन कर सकते हैं। इस वेबसाइट को खोलने के बाद, "जिला रिपोर्टें" और "डीपी: जिला प्रोफाइल" खोला जा सकता है। यह मॉड्यूल चयनित जिले में कार्यक्रम के कार्यान्वयन के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करता है। ओएमएमएएस की सटीकता का आकलन करने के लिए, ओएमएमएएसमें दर्शाई गई चरण वार प्रगति की तुलना नवीनतम मासिक प्रगति रिपोर्ट (एमपीआर) में पीआईयू द्वारा दी गई जानकारी के साथ की जा सकती है।

पार्ट-ख: फील्ड निरीक्षण

क्षेत्र अधिकारी कुछ चालू/पूर्ण परियोजनाओं का देखकर निरीक्षण कर सकते हैं। क्षेत्र निरीक्षण के दौरान, क्षेत्र अधिकारी निम्नलिखित पहलुओं पर विशेष ध्यान दे सकते हैं:

पर्यवेक्षण

निष्पादन के दौरान, जेई और एई द्वारा नियमित रूप से कार्य का निरीक्षण किया जाना चाहिए और समय-समय पर ईई और एसई द्वारा भी निरीक्षण किया जानाचाहिए। पीआईयू और क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों केदौरों की बारंबारता का आकलन किया जा सकता है।

गुणवत्ता की निगरानी

गुणवत्ता तंत्र और गुणवत्ता नियंत्रण व्यवस्था का पहला स्तर:निर्माणाधीन कार्यों के मामले में, गुणवत्ता तंत्र के पहले स्तर के संचालन कीपुष्टि की जाए। कार्यक्रम के प्रावधानों के अनुसार, प्रत्येक ठेकेदार से यह अपेक्षित होता है कि वह अनिवार्य परीक्षण करने के लिए फील्ड प्रयोगशाला स्थापित करे। फील्ड प्रयोगशाला मेंउपकरणोंकीउपलब्धता कार्य की प्रकृति पर निर्भर करेगी। फ़ील्ड प्रयोगशाला का निरीक्षण किया जाए और गुणवत्ता नियंत्रणरजिस्टर की जाँच की जाए। परीक्षण परिणामों कारिकॉर्ड रखने के लिए, गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर भाग Iतैयार किया जाता है। जब जेई और एईकी उपस्थिति में परीक्षण आयोजित किए जाएं तो उन्हें इस रजिस्टर पर प्रतिहस्ताक्षर करने चाहिए। गुणवत्ता नियंत्रण भाग II गैर-पुष्टि रिपोर्टें जारी करने का रिकॉर्ड है। क्षेत्र अधिकारियों को यह देखना चाहिए कि फील्ड प्रयोगशाला स्थापित की गई है या नहीं और क्या गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टर बनाए गए हैं या नहीं।

गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र का दूसरा स्तर : निर्माणाधीन कार्यों के मामले में, गुणवत्ता तंत्र के दूसरे स्तर के प्रचालन कीपुष्टि की जाए। स्वतंत्र राज्य गुणवत्ता मॉनिटर (एसक्यूएम) द्वारानिर्माणकार्य का तीन चरणों में निरीक्षण किया जाना आवश्यक है - पहला जब काम बस शुरू हुआ हो या कुछ खदाई संबंधी काम किया गया हो, दूसरा निरीक्षण जब सबबेसया बेस कोर्स संबंधी कार्य प्रगति पर हो और तीसरा निरीक्षण तब किया जाए जब काम पूरा होने वाला हो। क्षेत्र अधिकारी यह पता लगाएं किएसक्यूएम द्वारा विभिन्न चरणों में निर्माणकार्य का निरीक्षण किया गया है या नहीं।

काम की सामान्य गुणवत्ता

क्षेत्र अधिकारी द्वारा निर्माणाधीन या पूर्ण कार्य की सामान्य गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। निर्माणाधीन या पूर्ण किए गए कार्यों की गुणवत्ता के बारे में सामान्य आकलन दर्ज किया जाए। पूर्ण किए गए सड़क कार्य का सामान्य सवारी की गुणवत्ता के संबंध में मूल्यांकन करने के लिए सड़क पर वाहनचलाकर निरीक्षण किया जा सकता है। यदि40 किमी प्रति घंटा की गतिपरवाहन सड़कों पर झटके आदि के बिना आरामदायक तरीके से चलता है तोसवारी की गुणवत्ता को यथोचित के रूप में वर्णित जा सकता है।

जलनिकास

निर्माणाधीन या पूर्ण किए गए कार्यों के मामले में जल निकासी बेहद आवश्यक घटक है। यह जाँच की जाए किसड़क के फुटपाथ में पर्याप्त क्रॉस ढलान (कैंबर) है या नहीं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पानी सड़क की सतह पर इकट्ठा नहीं हो। आम तौर पर, दृश्य निरीक्षण के माध्यम से यह आकलन करना संभव है कि सड़क की सतह में ऐसा कोई गहरा हिस्सा तो नहीं है जिसमें पानी रुक सकता है।

रखरखाव

पूर्ण सड़कों के निरीक्षण के मामले में, रखरखाव और मरम्मत संबंधी समग्र व्यवस्था का मूल्यांकन किया जाए। कार्यक्रम के चरण I और चरण II के निर्माण कार्योंको राज्य की मानक बोली प्रक्रिया के आधार पर निष्पादित किया गया था। इसलिए, राज्य द्वारा सड़कों का नियमित रखरखाव उनके संबंधित अनुबंधों में निहित प्रावधानों के अनुसार किया जाना चाहिए। हालांकि, चरण III और उसके बाद से मानक बोली-प्रक्रिया दस्तावेज निर्धारित किए गए हैं, जिनमें यह प्रावधान किया गया है कि 5 वर्ष के लिए नियमित रखरखाव निर्माण करने वाले ठेकेदार द्वारा ही किया जाएगा और इस नियमित रखरखाव के लिए भुगतान पीआईयूद्वारा किया जाएगा। रखरखाव की गुणवत्ता का आकलन करते समय, निम्नलिखित मदों का ध्यान रखा जाना चाहिए:

  • क्या सड़क की ढलान और शोल्डरऐसे पेड़-पौधों से मुक्त हैं जिनसे यातायात प्रवाह में बाधा पड़ सकती हैं?
  • क्या तटबंधों में बारिश से हुए कटाव की मरम्मत की गई है?
  • क्या शोल्डर अच्छी स्थिति में हैं?
  • क्या सड़क पर कोई गढ्ढा/दरारें या टूट-फूट आदि तो नहीं है? यदि ऐसा है, तो क्या इन खामियों की मरम्मत की गई है?

पारदर्शिता

कार्यक्रम के दिशानिर्देशों के अनुसार नागरिक सूचना बोर्डों और अन्य सूचनात्मक बोर्डों को स्थापित किया जाना अपेक्षित है। इन सभी बोर्डों में जानकारी को स्थानीय भाषा में प्रदर्शित किया जाना आवश्यक है। क्षेत्र अधिकारी, फील्ड भ्रमण के दौरान इसका अनुपालन देखेंगे।

अनुबंध प्रबंधन

निर्माण कार्य संबंधी क्रय और अनुबंध प्रबंधन की खरीद के लिए मानक बोली दस्तावेज निर्धारित किया गया है। प्रत्येक परियोजना के लिए निर्माण कार्य कार्यक्रम तैयार किया जाना है और स्वीकृत कार्य कार्यक्रम के संदर्भ में पीआईयू द्वारा नियमित रूप से कार्य की प्रगति का आकलन किया जाना है। देरी के मामले में, अनुबंध परिनिर्धारित नुकसान वसूलने का प्रावधान करता है। क्षेत्र अधिकारी यह पुष्टि करें कि अनुमोदित कार्य कार्यक्रम के संदर्भ में निर्माण कार्य की प्रगति कीव्यवस्थित रूप से निगरानी की गई है और कार्यान्वयन में किसी भी देरी के लिए परिनिर्धारितक्षतियां वसूली/रोकी गई हैं।

सामान्य टिप्पणियां

स्थानीय बातचीत के माध्यम से, क्षेत्र अधिकारी लक्षित बसावटों में परिवहन सेवाओं में सुधार के बारे में समग्र मूल्यांकन कर सकता है। वे बारहमासी कनेक्टिविटी प्रावधान से आए महत्वपूर्ण और व्यवहार्य सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पर टिप्पणी कर सकते हैं। क्षेत्र अधिकारी, फील्डनिरीक्षण के दौरान पाई गईं किन्हीं भी प्रमुख कार्यान्वयन बाधाओं पर टिप्पणी कर सकते हैं।

क्षेत्र अधिकारी पीआईयू के साथ अपनी बातचीत और परियोजना के निरीक्षण में देखी गई स्थिति के आधार पर संलग्न प्रारूपमें उनकी टिप्पणियां दर्ज कर कर सकते हैं।

ग्रामीण विकास मंत्रालय
(ग्रामीण कनेक्टिविटीप्रभाग)

क्षेत्र अधिकारियों द्वारा पीएमजीएसवाईके आकलन के लिए प्रारूप

1. क्षेत्र अधिकारी का नाम और पदनाम:
2. पीआईयू का नाम:
3 राज्य:
4. जिला:
5. दौरे की तारीख:
6. जिनके साथ चर्चा की गई:
7. ओएमएमएएसपर टिप्पणियां:

(क) क्या जिला प्रोफाइलकाडेटापीआईयू द्वारा प्रस्तुत मासिक प्रगति रिपोर्ट में दिए गए डेटा से मेल खाता है  हां नहीं
(ख) क्या डेटा प्रविष्टि के लिए समर्पित प्रशिक्षित व्यक्ति उपलब्ध है? हां नहीं

(ग) यदि डेटामें असंगतता हो तो कृपया कारण बताएं।

सड़क स्तर का आकलन (दृश्य निरीक्षण)

निरीक्षित सड़क का विवरण:

(क) सड़क का नाम
(ख) ब्लॉक
(ग) मंत्रालय द्वारा मंजूरी की तारीख
(घ) कार्यों को अवार्ड किए जाने की तारीख
(च) समापन तारीख/समापन की निर्धारित तारीख

पर्यवेक्षण की बारंबारता

(क) जेईद्वारा सड़क का निरीक्षण कितनी

बार किया जाता है?

......... निरीक्षण प्रतिसप्ताह

(ख) एईद्वारा सड़क का निरीक्षण कितनी

बार किया जाता है?

......... निरीक्षण प्रतिसप्ताह

(ग) ईईद्वारा सड़क का निरीक्षण कितनी

बार किया जाता है?

......... निरीक्षण प्रतिमाह

(घ) एसईद्वारा सड़क का निरीक्षण कितनी

बार किया जाता है?

......... निरीक्षण प्रतितिमाही

पीआईयू और एसआरआरडीए के अधिकारियों द्वारा कार्यों के पर्यवेक्षण के बारे में सामान्य टिप्पणी:

गुणवत्ता तंत्र और गुणवत्ता नियंत्रण व्यवस्था का पहला स्तर

9.1 क्या ठेकेदार द्वारा फील्ड प्रयोगशाला स्थापित की गई?   हां नहीं
9.2 क्या गुणवत्ता नियंत्रण रजिस्टरबनाए गए औरजेई/एईद्वाराइन पर प्रतिहस्ताक्षर किएजा रहे हैं?   हां नहीं
10. गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र का दूसरा स्तर
(क) क्या राज्य गुणवत्तामॉनीटर ने निर्माण कार्य का निरीक्षण किया है, यदिहाँ, तो किस/किनचरण/चरणों में, अर्थातशुरुआती चरण में, बेसकोर्स / सब-बेसकोर्स चरण में अथवा समापन चरण में (सभी तीनों चरणों में निरीक्षण अपेक्षित है)   हां नहीं
11 निर्माण कार्य की गुणवत्ता:
(क) (पूर्ण निर्माण कार्यों के लिए)क्या सड़क की सवारी गुणवत्ता 40 किमी प्रति घंटा की गति से कार चलाने के लिए यथोचित है।   हां नहीं
(ख) (पूर्ण निर्माण कार्यों के लिए)क्या सड़कके फुटपाथ मेंकोई गड्ढा, दरारें, सतह की असततादिखती है?   हां नहीं
(ग) कार्यों की गुणवत्ता के बारे में सामान्य टिप्पणियां:      
11.2 जल निकासी
(क) यह सुनिश्चित करने के लिए कि सड़क पर फुटपाथ पर जलजमाव नहीं हो, क्या सड़क में पर्याप्त क्रॉस ढलान (कैंबर) का प्रावधान है?   हां नहीं
(ख) यदि किनारे की नालियों की जरूरत हो, तो क्या किनारे की नालियों का प्रावधान किया गया है?   हां नहीं
(ग) जल निकासी केबारे में सामान्य टिप्पणी:      
11.3 रखरखाव (कम से कम 1 वर्ष पहले पूरे हो चुके निर्माण कार्य के मामले में):      
(क) क्या सड़क के आसपास वनस्पति की बढ़ौतरी को साफ किया गया है?   हां नहीं
(ख) क्या बारिश से हुए कटाव की मरम्मत की गई है?   हां नहीं
(ग) क्या शोल्डर्स की मरम्मत की जाती है और वे सही स्थिति में हैं?   हां नहीं
(घ) क्या गड्ढों, दरारों या सतह की असतता की मरम्मत की गई है?   हां नहीं
(च) क्या रोड साइनेज और चिह्नों को सही तरीके से बनाए रखा गया है?   हां नहीं
11.4 नागरिक सूचना और पारदर्शिता:
(क) क्या स्थानीय भाषा मेंसहीजानकारी सहित नागरिक सूचना बोर्डस्थापित किए गए हैं?   हां नहीं
(ख) क्या निर्माण कार्य,ठेकेदार और पीआईयू केबारे में जानकारी प्रदान करने वाला मुख्य बोर्डस्थापित किया गया है?   हां नहीं
(ग) क्या प्रवेश बिंदु लोगो बोर्ड स्थापित किया गया है?   हां नहीं
(घ) (केवल पूर्ण कार्यों के मामले में)क्या मील पत्थर स्थापित किए गए हैं?   हां नहीं
12 अनुबंध प्रबंधन और समय-सीमा नियंत्रण:      
(क) क्या साइट पर निर्माण कार्य कार्यक्रम उपलब्ध है?   हां नहीं
(ख)क्या निर्माण कार्य अनुमोदित कार्यकार्यक्रम केअनुसार प्रगति में है? यदि काम में देरी हो रही है, तो क्या पीआईयू ने देरी के लिए नोटिस जारी किए हैंऔर क्या परिनिर्धारितनुकसान वसूला गया है या लंबित है?   हां नहीं
(ग) अनुबंध प्रबंधन के बारे में सामान्य टिप्पणी:      
13. सामान्य टिप्पणियां      
13.1 परिवहन सेवाओं में सुधार      
क्याबसावटमेंसार्वजनिक या निजीयात्रीवाहनोंकी संख्यामें वृद्धि हुई है?   हां नहीं
क्या बसावट में सार्वजनिक या निजी मालवाहकपरिवहनवाहनोंकी संख्याबढ़ी है?   हां नहीं
13.2 किसी भी महत्वपूर्ण या दृष्टिगोचर सामाजिक आर्थिक प्रभाव पर टिप्पणियां:      
13.3 कार्यान्वयन संबंधी किसी भी बाधा पर टिप्पणियां:      

हस्ताक्षर:
नाम और पदनाम:
दिनांक :

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